सीमित संसाधन असीमित लोग

सीमित संसाधन असीमित लोग

किसी देश के विकास का मूल आधार वहाँ के लोग होते है ।

जिस देश के पास योग्य ,जागरूक और कर्तव्यशील नागरिक

होते है वह देश हमेशा दुनिया से दो कदम आगे ही रहता है ।

एक देश के विकास मे सरकारी नीतियों का अहम रोल होता है ।

लेकिन सरकारी नीतियां प्रभावी तभी हो पाती है जब उसमें लोगों

की सहभागिता हो । सरकारी नीति की असफलता का एक उदाहरण

भारत सरकार की परिवार नियोजन नीति है । जिस नीति और नियति से

परिवार नियोजन लागू किया गया था यदि उसमें लोगो का सहयोग मिला होता

तो आज भारत मे जनसंख्या एक समस्या नहीं बनी होती । आज हम अपने चारों

तरफ भूख ,बेरोजगारी ,धार्मिक उन्माद ,अशिक्षा , स्वास्थ सेवाओ का अभाव देखते

है । इन सभी समस्याओ का एक ही निदान है परिवार नियोजन को लागू करना ।

यदि भारत ने आजादी के बाद ही अपनी आबादी को 50 करोड़ मे स्थिर कर लिया होता

तब आज भारत एक विकसित देश होता । लेकिन समझदार लोग जो हो चुका है उस पर पछ्तावा

नहीं करते है आगे क्या हो इस पर विचार करते है । भारत के लोगो को अब यह सोचना होगा की जब

हमारे संसाधन सीमित है तब आबादी असीमित क्यों हो ? किसी देश के विकास का रास्ता परिवार से होकर

जाता है । इसलिए हर परिवार देश के विकास मे अहम होता है । आज की आबादी को देखते हुए देश

की जो स्थिति है उसमें 'वन चाइल्ड पॉलिसी ' की जरुरत है । आगे के 20 वर्षो बाद हम इसको 'टू चाइल्ड पॉलिसी

मे बदल सकते है ।कृपया इसकी तुलना चीन से ना करें क्योंकि अभी हम दुनिया का कारखाना नहीं बनने वाले है ।

आबादी को कम करने का सबसे प्रभावी माध्यम जागरूकता है ।शिक्षा इसकी पहली कड़ी है । सबसे अहम रोल महिला

शिक्षा का है । क्योंकि पढ़ी लिखी महिलाये एक बच्चे को ही प्राथमिकता दे रही है । सरकार को इस पर आर्थिक प्रोत्साहन देने की जरुरत है ।

यदि किसी माता पिता के पास एक ही संतान है तो उसको पढ़ा लिखाकर एक जिम्मेदार नागरिक बना सकते है भले ही उनका पेशा मजदूरी हो । लेकिन वहीं कई संतान होने पर रहन सहन , शिक्षा ,स्वास्थ्य पर खर्च करना मुश्किल होता है । मानव पशु नहीं है जिसकी जनसंख्या प्रकृति पर निर्भर है ।मानव की बहुत सारी आर्थिक , सामाजिक ,शैक्षिक , मनोवैज्ञानिक जरूरते है ।इन सभी को ध्यान में रखते हुए ही आबादी पर विचार करना चाहिए । बिना योजना और आर्थिक और मनोवैज्ञानिक तैयारी के बिना बच्चे पैदा ना करें । जब पूरी तरह तैयार हो जाए तभी सोचे क्योकि यह कोई साधारण कार्य नहीं है आप एक जीवन दे रहे है । पूरी तैयारी से बच्चे पैदा करेंगे तो यह आपके , पैदा होने वाले बच्चे और देश के हित मे होगा ।

आज देश एक संक्रमण काल से गुजर रहा है आगे इसका क्या भविष्य होगा यह इस देश के युवाओ पर निर्भर करेगा । देश के लोग जनसंख्या पर क्या सोचते है यह मायने नहीं रखता है लेकिन देश का विकास एक सीमित जनसंख्या के माध्यम से ही किया जा सकता है यह सच्चाई है ।

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